पारितंत्र का निर्माण दो घटकों के मिलने से होता है।
1-जैविक घटक(Biotic Components)
2-अजैविक घटक(Abiotic Components)
जैविक घटक(Biotic Components)- यह तीन प्रकार के होते हैं:-
A-अकार्बनिक तत्व- ऑक्सीजन,कार्बन डाइऑक्साइड,नाइट्रोजन,हाइड्रोजन खनिज लवण( कैल्शियम पोटेशियम फास्फोरस सल्फर) इत्यादि।
B-कार्बनिक तत्व( कार्बोहाइड्रेट,वसा,प्रोटीन आदि।
C-जलवायु कारक( सूर्य का प्रकाश, जल,वायु, मृदा, ताप इत्यादि।
अजैविक घटक(Abiotic Components)-यह तीन प्रकार के होते हैं:-
A-प्राथमिक उत्पादक(Primary Producers)
B-द्वितीय उत्पादक या उपभोक्ता(Secondary Producers)
C-अपचायक/अपघटक(Reducers/Decomposers)
प्राथमिक उत्पादक(Primary Producers)- यह पारितंत्र के वह जीव होते हैं,जो खाद्य पदार्थों का उत्पादन करते हैं। जैसे- हरे पौधे इत्यादि।
द्वितीय उत्पादक या उपभोक्ता(Secondary Producers)– यह पारितंत्र के वह जीव होते हैं,जो भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर करते हैं।जैसे-मनुष्य व जंतु इत्यादि।
अपचायक/अपघटक(Reducers/Decomposers)- यह परितंत्र की वह जीव होते हैं,जो उत्पादक एवं उपभोक्ता के मृत शरीर को अपघटित करके अपना भोजन प्राप्त करते हैं तथा मृत शरीर के कार्बनिक पदार्थ को अपघटित करके पुन: अकार्बनिक पदार्थ में बदल देते हैं।